Latest articles

ये सब खुदा के बंदे हैं तो मैं कौन हूँ?

संत बुल्लेशाह एक बार बाज़ार से गुजर रहे थे ! वहां बड़ी भीड़ थी| उन्हें लगा कि यहां इतने सारे लोग हैं लेकिन ये तो प्रभु के बारे में जानते ही नहीं | सब लोग अपनी-अपनी मौज में लगे हैं किसी तरीके से इन लोगों की समझ में आना चाहिये कि वे प्रभु की संतान हैं |
वहां बाज़ार में उन्हें एक सुनार की दुकान दिखाई पड़ी ! उन्होंने सुनार से जा कर कहा कि मुझे अल्लाह के लिए अंगूठी चाहिये ! सुनार ने कहा -बना दूंगा पर उस का नाप क्या होगा ? बुल्लेशाह जी ने कहा -अल्लाह की उंगली की नाप की बना दो ! सुनार ने पूछा कि अल्लाह की उंगली कहां है ? तो उन्होंने अपनी उंगली उस की ओर करते हुए कहा कि इस नाप की बना दो ! सुनार ने कहा -पागल है ? तू कोई अल्लाह है ? बुल्लेशाह जी ने कहा -नहीं यह जो उंगली है यह अल्लाह की उंगली है ! सुनार ने सोचा कि यह तो सचमुच ही पागल हो गया है | अपने आप को खुदा समझने लगा है ! उस ने मौलवी को बुला कर कहा कि यह अपने आप को अल्लाह कहता है ! तब मौलवी ने बुल्लेशाह जी से पूछा कि क्या यह खुदा की उँगली है ! तो उन्होंने कहा कि हाँ यह खुदा की उंगली है !
मौलवी ने कहा कि यह तो तेरी उगुली है ! उन्होंने कहा कि नहीं-नहीं यह खुदा की उंगली है ! मौलवी ने कहा कि यह काफिर हो गया है अपने आपको खुदा कहता है और उन के लिये मौत की सजा का ऐलान कर दिया ! बुल्लेशाह जी अपनी मस्ती में थे !
जब उन्हें पकड़ कर ले जाया जा रहा था तो चारों तरफ हाहाकार मच गया ! सब लोग मस्जिद की ओर भागने लगे कि देखें तो सही इस के साथ क्या होता है ! थोड़ी देर में वहां बहुत भीड़ इकट्ठी हो गई ! जब बुल्लेशाह जी मस्ती की हालत से कुछ बाहर निकले तो देखा कि वे तो मस्जिद में हैं ! उन्होंने मौलवी से पूछा कि आप मुझे कहां ले लाये हो ? मौलवी ने कहा कि यह मस्जिद है खुदा का घर है ! बुल्लेशाह जी ने पूछा - यहां इतनी भीड़ क्यों है| ये सब लोग कौन हैं !
मौलवी ने कहा - ये सब खुदा के बंदे हैं ! तो बुल्लेशाह जी ने पूछा -मैं कौन हूँ ? मौलवी ने कहा - तुम भी खुदा के बंदे हो ! तो बुल्लेशाह जी ने पूछा - फिर यह उँगली किसकी हुई ? यह भी तो खुदा की ही हुई और इतना कह कर उन्होंने हंसना शुरू कर दिया ! मौलवी का सिर शर्म से बुल्लेशाह जी के समक्ष झुक गया..!!

No comments