कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 19 अक्टूबर को मनाया जाएगा। घर में सुख-शान्ति और धन-संपदा प्राप्त करने के लिए इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। शास्त्रों में देवी लक्ष्मी की पूजा करते समय कुछ नियम बताए गए हैं अगर इनकी अनदेखी की जाती है और पूजा में इनका प्रयोग किया जाता है तो धन की देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं इसलिए देवी लक्ष्मी की पूजा करते समय इन बातों का जरूर ध्यान रखें।
भगवान विष्णु को तुलसी प्रिय होती है लेकिन देवी लक्ष्मी को तुलसी से वैर है क्योंकि यह भगवान विष्णु के दूसरे स्वरूप शालिग्राम की पत्नी है। इस नाते तुलसी देवी लक्ष्मी की सौतन है। इसलिए देवी लक्ष्मी की पूजा में तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए।
देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए दीपक की बाती का रंग लाल होना चाहिए दीपक को दायीं ओर रखें। दीपक बायीं ओर नहीं रखना चाहिए। इसका कारण यह है कि भगवान विष्णु अग्नि और प्रकाश स्वरूप हैं। भगवान विष्णु का स्वरूप होने के कारण दीप को दायी ओर रखना चाहिए।
सफेद फूल देवी लक्ष्मी को नहीं चढ़ाएं। देवी लक्ष्मी चीर सुहागन हैं इसलिए इन्हें हमेशा लाल फूल जैसे लाल गुलाब और लाल कमल फूल चढ़ाया जाता है।
देवी लक्ष्मी की पूजा तब तक सफल नहीं मानी जाती है जब तक भगवान विष्णु की पूजा नहीं होती है। इसलिए दीपावली की शाम गणेश जी की पूजा के बाद देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की भी पूजा करें।
देवी लक्ष्मी की पूजा के समय प्रसाद दक्षिण दिशा में रखें और फूल बेलपत्र हमेशा सामने रखें।
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