Saheed Sardaar Bhagat Singh जिन्होंने भारत की आजादी के लिए अंग्रेजो के नाक में दमकर दिया था
सबसे पहले पंडित चन्द्रशेखर आज़ाद (Chandrashekhar Azad) जी के contact में आये|
भगत सिंह अंग्रेजो की मजदूरों के प्रति नीतियों से खुश नहीं थे| मजदूर विरोधी नीतियों को संसद में पारित न होने देना ही अब उनका अगला लक्ष्य था इसलिए उन्होंने अंग्रेजो को नींद से जगाने के लिए एक योजना बनायी|
सन 1929 में भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने Delhi Assembly hall में bomb फेंका और इन्कलाब जिंदाबाद के नारे लगाए और पर्चे फेंके| उन्होंने bomb खाली जगह पर फेंका जिससे किसी की जान ना जाए| उन्होंने वहां से भागने की कोसिस नहीं की और खुद को गिरफ्तार करवा दिया|
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